उसके कदम कही फिर से कब लौट आएं,
खुली हुई अपनी तू दहलीज़ बस यहीं रखना
शिकवा चाहे हज़ार हो बुरी यादों की दिल में
पर अच्छी यादें जो हो नफीस बस वही रखना
जब वो तल्ख़ मसाइल सुलझाने आये तेरे दर पर
गिलाफ गिलों की समेट नसीर तू कहीं रखना
- Swapna Sharma
नफ़ीज़ - कीमती
तल्ख़ - कड़वे
मसाइल - मसले
गिलाफ - चादर
नसीर - मदद करने वाला
गिलों - शिकायत
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