उलझी सी जिंदगी में ख्वाइशो के अरमा भी अब तो एक ख्वाब हो गए
पाने की चाहत थी जिन सपनो को वो भी खोये कहीं एक दवाब हो गए
जिन ख्वाईशो को पूरा करने की चाहत मेरे इस दिल ने लगा रखी थी
हँसी उड़ते उड़ते अब तो वो सपने भी मेरे मज़ाक एक लाज़वाब हो गए
- Swapna Sharma
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