ये आंखें तेरी तलाश करती हैं
ये रातें तेरी तलाश करती हैं
जब भी दिल से निकले हैं तेरे नाम का अक्षर
तू है कहां ये मुझसे यह सवाल करती हैं
ये आंखें तेरी तलाश करती हैं
सौगातें तेरी तलाश करती हैं
जो किसी खुशी में जब ये मेरे लब हैं हँसते
तो तेरी ही परछाई को ये याद करती हैं
ये आंखें तेरी तलाश करती हैं
ये बातें तेरी तलाश करती हैं
इस सफर में तेरे दूर होने के इस गम से
तेरे लौट के आने की ये आस करती है
ये आंखें तेरी तलाश करती है
मुलाकाते तेरी तलाश करती है
तलाश पूरी हो इन आंखों बातों मुलाकातों की
तेरे ही आने का इंतजार ये खास करती है
- Swapna Sharma
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें