जो जिद पर मैं आ जाऊ तो तेरी हस्ती पलट दूं
उग्र से उठे तेरे इस घमंड की में कश्ती पलट दूं
तेरे अस्तित्व की वजह इस दुनिया में मैं ही हूं
स्त्री हूं भूल मत तेरे हर झूठ कि मैं बस्ती पलट दूं
- Swapna Sharma
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