हिस्सों में बट गए

उड़ान ख्वाइशों की उड़ाना चाहते थे , यहां तो पंख ही कट गए
काटे पंखों को सम्हालते ना जाने हम कितने ही हिस्सों में बट गए
- Swapna Sharma

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