पर्वत उठाया था गोवर्धन तुमने ,इन्द्र के कोप से करी थी सबकी रक्षा
पल पल पूजेंगे तुम्हे ओ कान्हा ,करना तुम हमारी भी हर घड़ी सुरक्षा
- Swapna Sharma
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