तू जन्मा है अपने लिए अपने ही लिए मुस्कुराया है
उस खुदा ने तूझे तेरे खुद ही के लिए बनाया है
बाकी तो इस जग में बस पराए घूमते है भेस बदल के
जो अंत तक रहेगा साथ वो बस एक तेरा ही साया है
इस जग में तू किसी पे कैसे और क्यू करेगा ऐतबार
जब जब मौका मिला है इस जग ने तूझे सताया है
जब भी रोशनी जली है तेरे बुझते हुए दीपक की
तब तब जग के लोग ने शिद्दत से उसे बुझाया हैं
इसीलिए हौसला रख तू खुद ही खुद का बन जा
तू ही खुद का सच साथी बाकी तो ये सब माया है
- Swapna Sharma
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