किसी ना किसी दौर से तो गुजरती है ,हर एक कहानी
जब बिगड़ती है , तभी तो संवरती है, हर एक कहानी
सुख दुख तो मात्र ही जीवन के बस दो पहलू है ठहरे
पल पल के तजुर्बों से ही तो बनती है, हर एक कहानी
थोड़ा अतीत थोड़ा भविष्य लेकर चलती है,हर एक कहानी
कभी गिरती है, गिरके... फिर सम्हलती है, हर एक कहानी
बढ़़ती जाती ये ...कभी धूप कभी छाव का अनुगमन करते
कभी अहं कभी अभियोग कभी अभिलाषा में पलती है,हर एक कहानी
- Swapna Sharma
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