मेरा हर दर्द चीखता है.....मैं चुप हूं पर
कहने को बहुत कुछ है.....मैं चुप हूं पर
अंधेरे में निकला हूं खोजने को उजाला
ये अंधकार बोलता है.. .... मैं चुप हूं पर
दुनिया की हंसी है ठहाके हैं..... मैं चुप हूं पर
इंसान नहीं वक़्त बोलता है...... मैं चुप हूं पर
वक़्त उनका है तो कभी वक़्त मेरा भी होगा
बस वक़्त ही बोलेगा अब ....... मैं चुप हूं पर
- Swapna Sharma
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