जाग जाओ तुम फिर अंधेरी रात होने से पहले
जो मंजूर ना हो मन को वो बात होने से पहले
धीरे धीरे से समझा लो दिल को अपने ज़रा
कि फिर .........आघात होने से पहले
- Swapna Sharma
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