राख से उठा उसने अपना मुकद्दर बदल दिया
तूफानों से भरा उसने शांत समन्दर बदल दिया
जिसने की मेहनत सफलता उसके कदमों में थी
कर्मो से अपने उसने राह का हर पत्थर बदल दिया
- Swapna sharma
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