इन लहरों की ही तरह बहती है बहती जाती है ये जिंदगी
कभी टकराती चट्टानों से कभी किनारे से भी पीछे लोट जाती है ये जिंदगी
कभी मंजिल को पाने को अपनी दिन रात लहर सी लहराती है ये जिंदगी
कभी उफानो सी आती है तेज बहकर कभी शांत सहज सी बह जाती है ये जिंदगी
- Swapna Sharma
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