पापा की परी नहीं शेर बनना है मुझें
बेखोफ ए जमाने, तेरे बगैर बनना है मुझे
मैं अबला नहीं ,ना ही कमजोर हूं किसी से
अपनी हर एक रात की खुद सवेर बनना है मुझे
पापा की परी नहीं ...........उनका शेर बनना है मुझें
पापा ने कहा दो घरों की मुंडेर बनना है मुझे
कोई तोड़ ना पाए संस्कारों का वो ढ़ेर बनना है मुझे
सब सेहकर भी रिश्तों में शेर सी खड़ी होकर के
माफ़ कर सबको हर रिश्ता निभा दिलेर बनना है मुझे
पापा की परी नहीं ...............उनका शेर बनना है मुझें
सिखाया है पापा ने सेर पे सवा सेर बनना है मुझे
काटे जो मुझे जमाना तो फिर शमशेर बनना है मुझे
जमाने पर नही विश्वास बस एक खुद पर रख कर के
जो हो मुसाफिर कोई थका उसकी बसेर बनना है मुझे
पापा की परी नहीं ................उनका शेर बनना है मुझें
उनका शेर बनना है मुझें !!!!!!!!!!!!!
-Swapna Sharma
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