जज़्बा हो गर अंधेरा मिटाने का,तो काफी है एक अकेला दिया
एक किरण देखने को घनघोर अंधेरे में,काफी है एक अकेला दिया
अंधेरों से उजालों का रास्ता कठिन तो बहुत है बहुत होगा
पर अंधेरों में भी रास्ता दिखाने को काफी है एक अकेला दिया
आरजू हो गर इनायत पाने की तो काफी है एक अकेला दिया
अफसून से अश्क मिटाने को भी काफी है एक अकेला दिया
बंदगी को तेरी फलक तक वो अकेला ही पहुंचा देगा
हसरतें हो जब हसीन हंसी पाने को काफी है एक अकेला दिया
सारी हयात को रोशन करने को जब काफी है एक अकेला दिया
हर रास्ता हर सफर उज्याने को जब काफी है एक अकेला दिया
तो दियों का त्यौहार दीवाली अंधेरा पीछे छोड़ रोशनी भरे इस जीवन में
हर दिया फिर जलाने को बस काफी है एक अकेला दिया
- Swapna Sharma
Shaandar lines
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