माना जिंदगी है चार दिन की बस कहानी
गुजर जायेगी एक दिन क्या यूं ही तुम्हे बितानी
सैर कर दुनिया की , कि फिर सफर आसान न रहेगा
घर मैं ही सिमट जाएगी दुनिया जो बीती फिर तेरी जवानी
- swapna Sharma
& Comment
Copyright © 2015 Kavyagar.com™ is a registered trademark.
Designed by Templateism | Templatelib. Hosted on Blogger Platform.
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें