है सतरंगी रंगो का त्योहार होली
गम भूल खुशियों का है द्वार होली
एक दूजे के रंग में रंगने आया सबको
रंगों में और उमंगों में है डूबा प्यार होली
फागुन से जो भीग रही वो बौछार होली
सारे उड़ते रंग से है रंगने का अधिकार होली
रंगीली दुनिया इसकी रंग बिरंगा भाया सबको
खुशियों के सागर में डूबा रंगो का संसार होली
- Swapna Sharma
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें