अक्स मेरे तेरे हर पल को हर पल मैं जीना चाहती हूं
आज की तेरी किलकारी हंसी बनते देखना चाहती हूं
सुन तू अपनी माँ की इतनी सी पूरी करना
ओ मेरी प्यारी लाडो तू बस धीरे धीरे भड़ना
एक एक पल सो साल बराबर मैं तुझे देखना चाहती हूं
क्या लाड क्या दुलार खुद ही न्योछावार होना चाहती हूं
जो कभी कहीं डग मग हो तू मेरा हाथ पकड़ना
सुन तू अपनी माँ की इतनी सी पूरी करना
ओ मेरी प्यारी लाडो तू बस धीरे धीरे भड़ना
गिरके उठना सम्हलना दौड़ना सब याद रखना चाहती हूं
तू इत्ती सी तेरे हर पल को मैं आँखों में भरना चाहती हूँ
तेरे सदके जाऊ मैं, तू क्षण क्षण खुशियाँ भरना
सुन तू अपनी माँ की इतनी सी पूरी करना
ओ मेरी प्यारी लाडो तू बस धीरे धीरे भड़ना
Swapna sharma
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