ma kushmanda


रोग शोक को हर लेती तुम , बल आयु यश का वर देतीं 
सूर्य मंडल है लोक तुम्हारा , दस दिशा अलौकिक कर देतीं 
आठ भुजा मां कूष्मांडा तुम्हारी, अष्टभुजा तुम कहलायीं 
सौम्य हंसी से अपनी माता , तुम सारी सृष्टि को तर देतीं 
Swapna sharma

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